वैसे तो हिंदी चीनी भाई भाई होते हैं लेकिन समय के साथ इन दोनों में दुश्मनी के आसार बढ़ चुके हैं और हो सकता है आने वाले समय में भारत पाकिस्तान के जैसे रिश्ते हैं, भारत और चीन के रिश्ते भी वैसे ही हो जाएं। हाल ही में खबर आई है कि हिमालय के तिब्बत इलाके में चीन ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है अपनी पहली बुलेट ट्रेन चलाकर।
भारत और चीन में फिर बड़ी मुश्किलें
पिछले दिनों भारतीय सीमा में और चीन की सीमा पर लड़ाई के आसार दिख रहे थे। लेकिन उसे इतना बढ़ावा नहीं मिला लेकिन अब चीन ने एक बड़ा कदम उठाया है अपनी पहली बुलेट ट्रेन तिब्बत के इलाके में चलाकर। माना जा रहा है कि 1 जुलाई को चीन की सरकार अपनी सौवीं वर्षगांठ मना रही है जिसके चलते चीन की सरकार ने सिचुआन तिब्बत रेलवे ने बुलेट ट्रेन का प्रोजेक्ट पास किया है। यह बुलेट ट्रेन लगभग 450 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और लहासा से अपनी यात्रा शुरू करेगी।
रेलवे कॉर्पोरेशन की माने तो यह ट्रेन यातायात का साधन होगा चीन के प्रांतों को जोड़ने का या फिर कहें भारत को एक बड़ी टक्कर आने वाले सालों में मिलेगी क्योंकि भारत में ऐसी बुलेट ट्रेन अभी तक नहीं चलाई गई है।
यह बुलेट ट्रेन पठारों के क्षेत्र से गुजरेगी जो कि दक्षिण पूर्व में स्थित है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने अधिकारियों को पिछले साल ही ऑर्डर दे दिया था कि वह यह रेलवे प्रोजेक्ट अगले साल पास करेंगे और लीजिए नतीजा आपके सामने है। बुलेट ट्रेन भारत के मुकाबले चीन ने खड़ी कर दी और एक बड़ी टक्कर भारत सरकार को दी है।
चीन समय-समय पर भारत को टक्कर देता रहा है। बात करें अरुणाचल प्रदेश की चीन ने इसको दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताया था जो भारत सरकार ने खारिज कर दिया था। आपको याद दिला दें कि भारत चीन की सीमा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल कही जाती है जो कि 3488 किलोमीटर है। ऐसे में देखना यह होगा कि क्या भारत आने वाले समय पर एक नई उपलब्धि हासिल कर पाएगा और चीन को टक्कर दे पाएगा।