जे न यू की छात्र शेहला रशीद जो की दूषित वामपंथी विचारधारा से प्रभावित है ने फिर से अपनी सीमा लांघ दी है. हमेशा फ्री स्पीच की बात करने वाले वामपंथियों और सेक्युलरिस्ट की ये सोच खुद पर लागो नहीं होती, और इसका जीता जागता उदहारण हमें कल दिल्ली में हुई प्रेस कांफ्रेंस में देखने को मिला जहा पर जे न यू की छात्रा शेहला रशीद जो की पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के विरोध के लिए इकठे हुए थे ने रिपब्लिक टीवी के पत्रकार को भरी प्रेस कांफ्रेंस से बाहर जाने के लिए कह दिया. उनका आरोप था की रिपब्लिक टीवी बीजेपी के हाथो बिक चुका है इसलिए उन्हें इस प्रेस कांफेरेंस में उपस्थित रहने का कोई अधिकार नहीं है.
हालाँकि यहाँ सोचने वाली बात ये है की हमेशा फ्री स्पीच और भय मुकत माहौल की बात करने वाले वामपंथियों और सेक्युलरिस्ट्स ने एक भी सवाल कर्नाटक की मौजूदा सरकार कांग्रेस से नहीं पुछा है उन्होंने इस मौत के लिए केवल मोदी को ही जिम्मेदार ठहराना उचित समझा है.
गौरतलब है की यही वामपंथी और सेक्युलर लोगो ने कभी अपनी आवाज़ पहले नहीं उठाई जब आरएसएस के १२ कार्यकर्ताओ की हत्या कर दी गई उसी कर्नाटक में और जब केरला में जहा खुद वामपंथियों की सरकार है आरएसएस के कार्यकर्ताओ की हत्या कर दी जाती है तब इन्हे कोई पीड़ा नहीं होती है हैरानी की बात है. पर देशवासी इन् लोगो की होशियारी से अच्छे से वाकिफ हो चुके है और इनको मुहतोड़ जवाब देंगे.